An Unbiased View of कैल्शियम की कमी के लक्षण और इलाज



हाइपरकैलसिमिया दिल की धड़कन को विनियमित करने वाले बिजली के आवेगों को प्रभावित कर सकता है, जिससे दिल अनियमित रूप से रूप से धड़कता है।

विटामिन डी बालों की हेल्थ में भी अहम योगदान देता है. जब ये विटामिन शरीर से कम होने लगता है तो बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं.

बच्चों के लिए कैल्शियम क्यों जरूरी है?

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इसके अतिरिक्त आप अंडे, मांस, दालों व अनेक सब्ज़ियां को खा सकते हैं। उनमें भी कैल्शियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है।

बच्चों में विटामिन डी की कमी से थकान रहती है और दातों से जुड़ी समस्या होने लगती है.

पोस्टमेनोपॉजल (रजोनिवृत्ति उपरांत) महिलाऐं – जो महीलाएं अत्याधिक मात्रा में कैफीन, कोल्ड ड्रिंक या शराब आदि का सेवन करती हैं, उनमें कैल्शियम की कमी होने के अत्याधिक जोखिम होते हैं।

हमारा आपको डराने का बिलकुल भी इरादा नहीं है बल्कि हम आपको जागरूक करना चाहते हैं। आइए अब बात करते हैं कि कैल्शियम की कमी को किस तरह दूर किया जा सकता है।

यदि किसी कारण से पैरथॉयड ग्रंथियाँ, ओवरएक्टिव या अधिक more info सक्रिय हो जाती हैं तो यह पूरा मामला गड़बड़ हो सकता है। ओवरएक्टिव पैरथॉयड, ग्लैंड में छोटे, गैर-कैंसर (सौम्य) ट्यूमर या चार पैरथॉयड में से एक या एक से अधिक ग्रंथियों के बढ़ने से हो सकता है।

जबकि दूसरी स्थिति गंभीर और दर्दनाक हो सकती है जो आपको लाचार भी बना सकती है.

आज कल तो जंक फ़ूड का बोलबाला है जो ना सिर्फ़ शरीर में पोषण की कमी करते हैं बल्कि अनेक रोगों को भी जन्म देते हैं लेकिन हम इस ओर कोई ध्यान नहीं देते।

कैल्शियम की अधिकता होने पर कब्ज की समस्या हो सकती है।

बच्चों के शारीरिक विकास के लिए कैल्शियम जरूरी होता है. जब बच्चों के शरीर में कैल्शियम की कमी होती है, तो उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में आपको हमेशा बच्चों को कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थों को खिलाना चाहिए.

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